हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मज़लूम गाज़ा के लोगो के ख़िलाफ़ इज़राईली अपराधों की निरंतरता के बारे में, मरजए आलीक़द्र हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर हुसैन अल नजफ़ी के केंद्रीय दफ़्तर नजफ़ अशरफ़ के बयान का अनुवाद।
بسم الله الرحمن الرحيم
हम अब भी बेहद तीव्र पीड़ा के साथ मज़लूम अहल-ए-ग़ाज़ा की त्रासदी की निरंतरता पर नज़र बनाए हुए हैं, जो क़ाबिज़, विस्तारवादी और बर्बर सैयोनी गिरोह की ओर से आधुनिक दौर में क़ौमों के ख़िलाफ़ अंजाम दिए गए सबसे घिनौने अपराधों के परिणामस्वरूप पैदा हुई है।
जिनसे निहत्थे आम नागरिक, यहाँ तक कि बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग तक महफ़ूज़ नहीं रह सके,अब यह ऐसे मुक़ाम तक पहुँच चुकी है जिसकी भीषण भयावहता का वर्णन करने में शब्द असमर्थ हैं, जो उनके ऊपर प्यास, भूख और ज़िंदगी की सबसे बुनियादी ज़रूरतों की कमी की सूरत में नज़र आ रहा है।
और अफ़सोस की बात यह है कि यह सब ऐसी ख़ामोशी और लापरवाही के बीच हो रहा है जिसका कोई औचित्य नहीं है उन देशों की तरफ़ से जिन्होंने दुनिया के कानों को अपने पशु-अधिकारों की रक्षा और देखभाल के दावों से भर रखा है।
मानवाधिकारों के वैश्विक रक्षक होने का दावा करते हुए दशकों बिताने के बावजूद, सिवाय कुछ शर्मनाक कोशिशों के जो कुछ देशों या कुछ व्यक्तियों ने अपनी क्षमता के अनुसार की हैं।और इस स्थिति से, हम विश्व के देशों, विश्व के सम्मानित व्यक्तियों और विश्व के स्वतंत्र लोगों से अपील करते हैं कि वे इस उत्पीड़ित क़ौम की राहत में तत्काल मदद करने के लिए मजबूत और गंभीर प्रयास करें।
और नियत का हिसाब रखने वाला अल्लाह ही है। ولا حولَ ولا قوَّةَ إلَّا باللهِ العليِّ العظيمِ
आपकी टिप्पणी